उन माँ-बाप को भूला दिया, जन्म जिन्होंने हमको दिया।
मान लिया बोझ उनको, पालन- पोषण जिन्होंने किया।।
उन माँ-बाप को भूला दिया——————।।
हमारे जन्म से पहले उन्होंने , सपनें कितने संजोये होंगे।
देने को हमको जन्म उन्होंने, दुःख-दर्द उन्होंने सहे होंगे।।
यह हमने क्यों नहीं सोचा, उनको हमने ठुकरा दिया।
मान लिया बोझ उनको, पालन-पोषण जिन्होंने किया।।
उन माँ-बाप को भूला दिया—————-।।
कर्जा उन्होंने लिया होगा, हमको शिक्षा दिलाने में।
भूखे- प्यासे सोये होंगे, हमको काबिल बनाने में।।
जब हम पैसा कमाने लगे तो, कर्ज उनका भूला दिया।
मान लिया बोझ उनको, पालन-पोषण जिन्होंने किया।।
उन माँ-बाप को भूला दिया—————–।।
रहने लगे हम उनसे अलग, शादी हमारी होने पर।
भूल गए उनकी सेवा हम, असहाय उनके होने पर।।
भगवान है माँ- बाप तो, संस्कार हमने यह भूला दिया।
मान लिया बोझ उनको, पालन-पोषण जिन्होंने किया।।
उन माँ-बाप को भूला दिया—————–।।
– गुरुदीन वर्मा .आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां (राजस्थान)