मनोरंजन

बाल दिवस – निहारिका झा

माह नवम्बर 14 को

आता नेहरू जी का जन्मदिन

बच्चों को ही किया समर्पित

जिनने अपने जन्म का ये दिन

बच्चे मना रहे  हैं उत्सव

बाल दिवस यह  बड़ा ही पावन

शालाओं में गहमा गहमी

बच्चों में  है भरी  उमंग

लगा हुआ है बाल मेला

हर बच्चा अभिव्यक्ति करता

कोई बना है जादूगर तो

कोई रूप धरे टीचर का

कोई नए खेल खिलाता

कोई सजाए  स्टॉल निराले

क़िस्म-किस्म की चीजें बेचें

जैसे हों कुशल व्यवसायी।

जीवन  के रूपों को जीते

बच्चे ये कितने हैं प्यारे

बाल मेला  इनको अवसर दे

जीवन के सपने गुनने का

चाचा नेहरू के ये दुलारे

बच्चे लगते  कितने प्यारे।।

– निहारिका झा , खैरागढ़ राज.(36 गढ़)

Related posts

अधूरी कविताएं – ज्योत्स्ना जोशी

newsadmin

तेरा पागल कहना – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

पुल विश्वास का – डॉ जसप्रीत कौर

newsadmin

Leave a Comment