हृदय में मान सबके लिए सम्मान,
उत्तराखंड मिट्टी की यही तो पहचान।
गौरव है हमारा हम यहां के वासी है,
ये देव भूमि और तीर्थ महान है।।
संस्कार है स्नेह सबको करते है,
हर वर्ग को भावनाओं में रखते है ।
क्योंकि इस देव धरती पर,
इंसानियत आज भी भगवान है।
यही गौरव है हम उत्तराखंडी है,
यह देव भूमि तीर्थ महान है।।
अभिमान नहीं हमें अपने किये उपकारों पर,
चाहत नहीं रखते आगे बढ़ने की।
मानवता का अपमान कर,
सबको लेकर बढ़ते है।
विजय विश्व की शान पर।
यही गौरव है हम उत्तराखंडी है,
ये देवभूमि तीर्थ महान है।।
सेवा सत्कार देव रुप में करना,
यही हमारी पहचान है।
इसलिए पावन संस्कृति का,
शास्त्र पुराणों में गुणगान है।
यही गौरव है हम उत्तराखंडी है,
ये देवभूमि तीर्थ महान है।।
इस भूमि में कंकर-शंकर,
देवता ऋषि ,मुनि करते वंदन।
“स्नेहा” सौभाग्यशाली है तू,
कर इस भूमि का अभिनंदन।
यही गौरव है हम उत्तराखंडी है,
ये देवभूमि तीर्थ महान है।।
– ममता जोशी “स्नेहा”
सुजड़ गांव, टिहरी गढ़वाल