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दीपावली – निहारिका झा

दीपों का यह पर्व दीवाली,

जीवन में लाये खुशहाली,

तन मन से हर मैल हटाएं,

परिवेश को स्वच्छ बनाएं,

घर आंगन रंगोली पूरें,

खुशियों की मिठाई बांटें,

धूप दीप नैवेद्य सजा कर,

पूजन करें श्री गणेश का,

दिल से हो आराधन उनका,

मंगल करते वो इस जग का,

आशाओं के दीप जलाएं ,

उत्सव  प्रेम  का हम मनाएं,

माँ लक्ष्मी का हो आशीष,

सुख समृद्धि बनी रहे,

अमन चैन से रहें सभी।

आपस में सब मिलें  गले,

यह सौगात दे  दिवाली,

मन में आस के दीप जले,

जगमग जगमग दीप जले,

निहारिका झा, खैरागढ़ राज (36 गढ़)

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