तवाघाट- लिपुलेख मार्ग के एक पखवाड़े से बंद होने से गुंजी में फंसे डेढ़ सौ से अधिक लोगों को अब चिनूक हेलीकॉप्टर से धारचूला लाया जाएगा। बुधवार को चिनूक हेलीकॉप्टर फंसे लोगों को धारचूला लाएगा।
लिपुलेख मार्ग विगत एक पखवाड़े से मलघाट के पास बंद है। इधर दो दिनों से मलघाट के अलावा नजंग और मालपा में भी बंद हो चुका है। मार्ग के जल्दी खुलने के आसार नहीं हैं। इस बीच आदि कैलास यात्रा में गए यात्रियों सहित बीते दिनों व्यास घाटी में अपना पर्व मनाने गए स्थानीय लोग फंसे हैं। सभी गुंजी में हैं।
मार्ग बंद होने से गुंजी तक सामान भी नहीं पहुंच पा रहा है। गुंजी में इतने लोगों के रहने, भोजन आदि की व्यवस्था भी प्रभावित है। फंसे लोगों में वृद्ध, बच्चे और महिलाएं भी हैं। इस समय विकल्प के तौर पर धारचूला से वाया नारायण आश्रम होते आवाजाही हो रही है। इस मार्ग में चार से पांच किमी अति दुर्गम मार्ग पर पैदल चलना पड़ता है।
वर्तमान में तैनात हेलीकॉप्टर से एक बार में पांच, छह लोग ही आ सकते हैं। जिसे देखते हुए अब चिनूक हेलीकॉप्टर से फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। हैलीपैड पर तैनात प्रभारी तहसील कर्मी एमके जोशी ने देर सायं बताया कि बुधवार से फंसे लोगों को चिनूक हैलीकॉप्टर से धारचूला लाया जा रहा है। चिनूक बुधवार सुबह बरेली से धारचूला पहुंचेगा।