मनोरंजन

हो हिंदी स्वीकार – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी,

(आधार छंद- सरसी छंद)

हिंदी पढ़कर हिंदी लिखकर, इसका करें प्रचार।

लोग इसे  कैसे अपनायें, इस पर करें विचार।1

 

अगर चाहते घर-घर पहुँचे, घर से हो शुरुआत,

पहले इस से खुद को जोड़ें, तब जोड़ें संसार।2

 

बच्चों को उत्साहित करिये, बिना किसी संकोच,

वह हिंदी के बनकर वाहक, करें बड़ा उपकार।3

 

फैल रही है सकल विश्व में, रहे विदेशी सीख,

करें प्रसारित हिंदी जग में, संस्थाएँ-सरकार।4

 

जगह बनाये सबके दिल में, चलें नवल अभियान,

संग-संग सब भाषाओं के, हो हिंदी स्वीकार।5

 

सीमित करना एक दिवस ही, उत्तम नहीं उपाय,

सहमति-सम्मति सबकी लेकर, होता रहे प्रसार।6

 

दृढ़प्रतिज्ञ हो सभी जुट पड़ें, करें न खानापूर्ति,

जन-जन की सहभागिता बने, हिंदी का आधार।7

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

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