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अगर तुम मुझको – गुरुदीन वर्मा

एक अगर तुम मुझको नहीं मिले।

कोई गम नहीं मुझको कोई दर्द नहीं।।

तुमसे भी बढ़कर वफादार बहुत है।

एक तुम ही जगत में हमदर्द नहीं।।

एक अगर तुम —————-।।

तुम खुशनसीब हो, तुमसे प्यार किया।

तुमको दी इज्जत , तुमको मान दिया।।

अब चाहे मुझको मानो अपना दुश्मन।

कोई डर नहीं, मुझको कोई दुःख नहीं।।

एक अगर तुम ——————।।

नभ में गूंजेंगे मेरे नगमें कल को।

करोगे मुझे याद ,तुम बहुत कल को।।

तेरी डोली से भी अच्छा होगा मेरा जनाजा।

भुलायेंगे लोग मुझको कल को नहीं।।

एक अगर तुम ———————–।।

किसने की किससे यहाँ बेवफाई।

कौन बेखबर है, कौन हरजाई।।

होंगे तुम्हारे दीवानें बहुत भी।

वफादार मुझसे बढ़कर होंगे नहीं।।

एक अगर तुम ———————।।

– गुरुदीन वर्मा.आज़ाद

तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

मोबाईल नम्बर- 9571070847

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