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छंद – मधु शुक्ला

पथ प्रदर्शक राम जी संसार के,

राम हैं आदर्श हर परिवार के।

 

धन्य थे दशरथ जिन्हें यह सुख मिला,

थे जनक वे पुत्र के आचार के ।

 

जन्म नौमी तिथि हुआ जब राम का,

वे बने हकदार जन मन प्यार के।

 

ऋषि हुए पुलकित मिटेगा पाप अब,

थे सभी मर्मज्ञ इस अवतार के।

 

लें पुनः अवतार भू पर राम जी,

तब लदें दिन पाप के अंगार के ।

✍️ मधु शुक्ला , सतना, मध्यप्रदेश.

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