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प्रवीण प्रभाती – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

बम भोले कैलाश बिहारी।

महिमा अपरंपार तिहारी।

 

वरदहस्त इस जग पे रखिये,

शिवशंकर भोले भंडारी।

 

बिना कृपा के काज न होते।

मिलता वर जो पार्थिव धोते।

 

गरल पिया जग के हित तुमने,

गंगाजल से नित पग धोते।

 

प्रभु हो तुम दयालु अविकारी।

पूजा करते सब नर-नारी।

 

नेत्र खोलते कभी तीसरा,

बन जाते तब खल संहारी।

 

जय भोले कैलाश बिहारी।

कौन बखाने कीर्ति तुम्हारी।

 

सुखकर्ता दुखहर्ता प्रभु जी,

सकल सृष्टि के तुम उपकारी।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश

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