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माँ की ममता = ममता जोशी

माँ तेरी ममता को ,

नमन करू मै बारम्बार ।

तेरे भरे हुये संस्कारों से,

अच्छा चल रहा मेरा घर द्वार ।।

माँ तेरी छाँव में—-

माँ तेरी छाँव में हुये हम बड़े

योग्यता तूने भरी हममें ,

अपने पैरों पर हो गयें हैं हम खड़े ।

माँ तेरी छाँव में —–

नि:स्वार्थ भाव से माँ ने ही कर्म किया ,

नौ महीने कोख में रखा जन्म दिया ।

अच्छाई,बुराई में फर्क करना सिखाया ,

माँ तूने मुझे नेक रास्ता दिखाया ।।

माँ  तेरी छाँव में—-

माँ के होने से ही है सबका नाम ,

कर लो सेवा बन जाय बिगडे काम।

माँ ही है ईश्वर का रूप ,

जिसकी महिमा ईश्वर भी गाये खूब ।।

माँ तेरी छाँव में —-

= ममता पैन्यूली जोशी

प्रताप नगर , टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड

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