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कौन कयाम करता है – अनिरुद्ध कुमार

कौन बोलो सलाम करता है,

गरज पर राम राम करता है। .

 

जिंदगी जानती कलाबाजी,

मोल बातें तमाम करता है। .

 

प्यार का रंग भी अजीब लगे,

फायदा सोंच काम करता है। .

 

ये नजाकत अँदाज नजराना,

देख जीना हराम करता है। .

 

चाव में दाव घाव दिखता है,

तौल के लोग नाम करता है। .

 

मतलबी बात राग अफसाना,

रोज तकियाकलाम करता है। .

 

देख के’अनि’ सदा बहक जाता,

कौन किसपे कयाम करता है। .

– अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड

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