मनोरंजन

माँ की दुआ- रीतूगलाटी.

माँ की दुआओ से बड़ी है क्या?

बोलो कहीं कुछ कमी है क्या?

 

देते   सभी हैं  धर्म  के भाषण,

बातें किसी ने सच पढीं है क्या?

 

घूमे सभी यूं मंदिरों में पर,

कोई भी छवि मन में बसी है क्या?

 

उपदेश तो देते बहुत सारे,

पर आचरण में भी दिखी है क्या?

 

कर्जा कहाँ ‘ऋतु’ का उतारोगे?

अब प्यार करना भी तड़ी है क्या?

– रीतूगलाटी. ऋतंभरा, मोहाली

Related posts

विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति पर विवाद – कुमार कृष्णन

newsadmin

पारिवारिक, व्यक्तिगत बाधाओं के निवारणार्थ अचूक सफल प्रयोग – ब्रह्मर्षि वैद्य पंडित नारायण शर्मा कौशिक

newsadmin

सावन माह और शिव पूजा तथ्य व महत्व – डॉ आशीष मिश्र

newsadmin

Leave a Comment