भारत को बर्वाद करेगी बीमारी जनसंख्या की ।
दंगों को आबाद करेगी चिंगारी जनसंख्या की ।
जंग सरीखी निगल रही है सब योजन प्रयोजन को ।
अर्थ तंत्र को रोक रही है सटक रही है भोजन को ।।
भूख गरीबी से लड़ने में सबसे बड़ी यही बाधा ,
उजला पानी गाद करेगी ये यारी जनसंख्या की ।।१
अब भी समय सँभल जायें तो रोग यहीं पर रुक जाए ।
इसकी गति को रोक सके तो पलड़ा इसका झुक जाए ।।
रेल जेल सब भरे पड़े मुल्ले अब भी अड़े पड़े है,
झगड़ों को ईज़ाद करे चौकीदारी जनसंख्या की ।।२
देश हमारा बदल रहा है भीड़भाड़ ही बाधक है ।
और दूसरा रोग मजहबी इससे ज्यादा घातक है ।।
पत्थर वाजों की टोली तैयार हो रहीं भारत में ,
आतंकी नौशाद क पैरोकारी जनसंख्या की ।।३
एक नहीं दो चार नहीं नौ नौ बच्चे पैदा करते ।
कुछ लाभ खोजते हैं इसमें खुद आटे को मैदा करते।।
स्वागत सभी करो मिलकर कानून नया अब तो आए ,
शान्ति में उन्माद भरे खातिरदारी जनसंख्या की ।।४
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून